सोमवार, ३० जानेवारी, २०१७

रिलायंस मुखिया मुकेश अंबानी ने एनडीए सरकार के राज में महज ढाई करोड़ का डब्ल्यूएलएल लाइसेंस लिया और उसी पर मेन मोबाइल सर्विस शुरू कर दी। जबकि मेन मोबाइल सर्विस के लिेए लाइसेंस की कीमत 16 सौ करोड़ रही। शिकायत पर जब विभागीय जांच में खुलासा हुआ तो उनकी कंपनी पर 13 सौ करोड़ का जुर्माना लगा। इस पर अंबानी ने टेलीकाम मिनिस्ट्री के अफसरों से संबंधों का फायदा उठाते हुए जुर्माने की फाइल ही गायब करा दी

नई दिल्लीः रिलायंस मुखिया मुकेश अंबानी ने एनडीए सरकार के राज में महज  ढाई करोड़ का डब्ल्यूएलएल लाइसेंस लिया और उसी पर मेन मोबाइल सर्विस शुरू कर दी। जबकि मेन मोबाइल सर्विस के लिेए लाइसेंस की कीमत 16 सौ करोड़ रही। शिकायत पर जब विभागीय जांच में खुलासा हुआ तो उनकी कंपनी पर 13 सौ करोड़ का जुर्माना लगा। इस पर अंबानी ने टेलीकाम मिनिस्ट्री के अफसरों से संबंधों का फायदा उठाते हुए जुर्माने की फाइल ही गायब करा दी। वहीं जांच कर रहे सुप्रीम कोर्ट के एक जज को दो करोड़ रुपये भी दिए गए। यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है एस्सार के फोन टैपिंग मामले से जुड़ी इंडिया संवाद की पड़ताल में।

 अंबानी ने पूछा, फाइल गायब हो गई तो आवाज हुई हां, हंसकर बोले सब फंसोगे

लाइसेंस नियमों का उल्लंघन कर मेन मोबिलिटी सर्विस शुरू करने पर जब अंबानी पर 13 सौ करोड़ रुपये का मिनिस्ट्री से जुर्माना लगा तो अंबानी ने टेलीकॉम मिनिस्टर प्रमोद महाजन, उनके ओएसडी अजय सिंह, सपा नेता व पॉवर ब्रोकर अमर सिंह,  ट्राई के चेयरमैन व शंकर अडवाल से बातचीत टैपिंग टेप में शामिल है। जिसमें कहा जा रहा कि क्या जुर्माने की फाइल गायब हो गई तो विभागीय शख्स कह रहा हां हो गई। उधर से हंसते हुए कहा जा रहा, जांच हुई तो सब फंसोगे।




समझिए पूरा खेल दीपक शर्मा-शीतल पी सिंहका इंटरव्यू सुनकर

केंद्रीय मंत्रियों, नौकरशाहों, बिजनेस घरानों और पॉवर ब्रोकर के बीच बातचीत के टेलीफोन टैपिंग की परतें एक-एक कर इंडिया संवाद लगातार खोल रहा है। इसी कड़ी में इंडिया संवाद के एक्जीक्यूटिव एडिटर दीपक शर्मा ने फोन टैपिंग सामने लाने वाले सु्प्रीम कोर्ट के वकील सुरेन उप्पल व उनके मित्र शीतल पी सिंह से बातचीत की। पार्ट वन में जहां आपने पीएमओ फोन टैपिंक का पूरा खेल समझा, पार्टी टू में आपने केतन पारिख के शेयर घोटाले में कंपनी का नाम आने से बचाने के लिए अनिल-मुकेश अंबानी की अमर सिंह, महाजन व अन्य नौकरशाहों से बातचीत जानी। अब पार्ट तीन के इंटरव्यू  को खबर के साथ संलग्न वीडियो में देख- सुनकर  आपको मोबाइल सर्विस लाइसेंस के नाम पर अंबानी द्वारा किए गए खेल का पता चलेगा। पता चलेगा किस कदर बिजनेस घराने जरा सा मामला फंसने पर मिनिस्ट्री, नौकरशाही को खरीद लेते हैं।  बता दें कि आडियो में बातचीत का मिलान अभी प्रमाणित होना बाकी है, इस नाते आडियो अभी हम सार्वजनिक नहीं कर रहे।
www.hindi.indiasamvad.co.in/othertopstories/mukesh-ambani-made-the-missing-1300-crore-penalty-imposed-on-mobile-license-file-13090

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